निष्काम कर्मयोगी भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा भूमि और गीता का मूलाधार उज्जैन
हर भारतवासी एवं सनातन को मानने वाले मनुष्य के जीवन में श्रीमद्भगवद्गीता का महत्वपूर्ण स्थान है। श्रीमद्भगवद्गीता ने ही हमें सिखाया है कि “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।” अर्थात हे मनुष्य, तेरा अधिकार केवल कर्म पर है, फल पर कभी नहीं।मध्यप्रदेश की परम पावन पुनीत नगरी उज्जैन में यह उद्धरण स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है। यह वह […]

